जयपुर तक/जोधपुर ब्यूरो रिपोर्ट:
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राजस्थान हाईकोर्ट ने सफाई कर्मचारी भर्ती 2018 के तहत विभिन्न रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए सफल अभ्यर्थियों की नियुक्ति रद्द करने के मामले में जारी किए गए आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी है। इसके साथ ही चार सप्ताह के अंदर राज्य सरकार व जोधपुर नगर निगम के कमिश्नर को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। अधिवक्ता लोकेश माथुर व संजय पंडित की ओर से पुष्पा व अन्य की रिट याचिकाएं दायर कर कोर्ट को बताया कि राजस्थान म्यूनिसिपैलिटी (सफाई कर्मचारी सेवा) रूल्स 2012 में 11 अप्रैल 2018 को अमेंडमेंट कर रूल 9 ए को जोड़ा गया। इस नियम के अनुसार किसी भी अभ्यर्थी के 1 जून 2002 को या इसके बाद दो से अधिक बच्चे होने पर अभ्यर्थी का आवेदन निरस्त होगा। खंडपीठ ने गत 2 अप्रैल 2019 को इस नियम को विधि विरुद्ध बताते हुए अपास्त कर दिया था। इसके बावजूद 1 जून 2002 के बाद दो से अधिक बच्चे होने पर अभ्यर्थियों की इस आधार पर नियुक्ति रद्द कर दी गई जो कि बिलकुल गलत है। इसके अलावा कुछ याचिकाकर्ताओं की नियुक्ति यह कहते हुए निरस्त कर दी गई कि उन्होंने वेरिफिकेशन के समय विरोधाभासी कथन किया, लेकिन निगम की ओर से विरोधाभासी कथन के बारे में कुछ स्पष्ट नहीं किया गया और न ही कमी के बारे में कुछ बताया।
अधिवक्ता माथुर ने इस संबंध में कहा कि उनकी मेकेनिज्म ढंग से नियुक्ति रद्द कर दी जो कि अनुचित है। नियुक्ति रद्द करने के संबंध में 29 मार्च 2019 को जारी किए गए आदेश पर जस्टिस पीएस भाटी ने याचिकाओं को विचारार्थ स्वीकार करते हुए अंतरिम रोक लगा दी है।
June 29,2019
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June 29,2019
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