राज्य

जयपुर तक/जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट:
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पूर्व मेयर व विधायक अशोक लाहोटी द्वार शुरू की गयी व्यवस्था निगम मुख्यालय में सुबह राष्ट्रगान और शाम को राष्ट्रगीत बंद होने से विवाद खड़ा हो गया है। अशोक लाहोटी ने इसे राष्ट्रद्रोह का नाम दिया है। इस पर मेयर विष्णु लाटा का कहना है कि लाहोटी ने जिस कंपनी को राष्ट्रगान व राष्ट्रगीत बजाने की जिम्मेदारी दी थी और उपकरण लगाए थे, उसका  अभी तक 21 लाख का भुगतान नहीं किया गया, जिससे यह व्यवस्था बंद हो गयी है। इसका जल्द भुगतान कर व्यवस्था को फिर से चालू कराएंगे।

इस पर पूर्व मेयर अशोक लाहोटी ने कहा कि हमने निगम मुख्यालय में राष्ट्रगान और राष्ट्रगीत शुरू करवाया था। राज्य में कांग्रेस कि सरकार बनते ही इसे बंद करवा दिया। कम्पनी को भुगतान नहीं करने से सिस्टम बंद हुआ, यह तो एक बहाना है। मेरे पास ऐसे कई कागज हैं, जिसमें मेयर ने कई फर्मों को भुगतान की सिफारिश की, तो इसको भी कर सकते थे। पर ये तो हमारे देश के राष्ट्रगान को बंद करना चाहते थे, इसलिए ऐसा किया गया है। इसे एक तरह का राष्ट्रद्रोह है।

मेयर विष्णु लाटा ने अपने जवाब में खा है कि राष्ट्रगान तब से बजाया जा रहा है जब भाजपा का किसी ने नाम भी नहीं सुना था। लाहोटी जी ने कहीं राष्ट्रगान व राष्ट्रगीत को पेटेंट तो नहीं करवा लिया। इन्होंने जनता दिखाने के लिए यह काम किया है। एक रील कंपनी से राष्ट्रगान का साउंड सिस्टम लगवा लिया। लेकिन जिसका भगतन आजतक नहीं हुआ है, जिसे हम चुकाएंगे। हमे 10 जून को कंपनी का पत्र प्राप्त हुआ है। उसके भुगतान की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।  
  


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DESK HP NEWS

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