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बालिका गृह के रजिस्टर में 42 लड़कियों के नाम दर्ज, मिलीं सिर्फ 24
– एक लड़की भाग निकली, उसके बयान पर दूसरी बच्चियों को बचाया गया

देवरिया. बिहार के मुजफ्फरपुर के बाद अब उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले का एक बालिका गृह भी जांच के घेरे में है। आरोप है कि यहां की लड़कियों को रात में बाहर भेजा जाता था। सुबह वे रोते हुए लौटती थीं। मामले का खुलासा रविवार को तब हुआ, जब यहां से एक लड़की किसी तरह भाग निकली। लड़की के बयान के बाद प्रशासन ने बालिका गृह पर छापा मारा और वहां मौजूद 24 लड़कियों को मुक्त कराया। अब इनका मेडिकल होगा। यह केंद्र अवैध रूप से चल रहा था। एक साल पहले ही उत्तर प्रदेश सरकार इसे बंद करने के आदेश दे चुकी थी।
इस केंद्र का नाम मां विन्ध्यवासिनी बालगृह संस्था है। पुलिस ने इसकी महिला संचालिका गिरजा त्रिपाठी, उसके पति और बेटे को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस अधीक्षक रोहन पी कनय ने बताया कि संस्था के रजिस्टर में 42 लड़कियों के नाम हैं। इनमें से 24 लड़कियों को मुक्त कराया गया। बाकी लड़कियां कहां हैं, इस बारे में पूछताछ की जा रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने देवरिया के जिलाधिकारी सुजीत कुमार को हटाने के निर्देश दिए हैं। साथ ही डीपीओ प्रभात कुमार को निलंबित कर दिया गया है। मुख्यमंत्री ने बाल एवं महिला कल्याण विभाग की प्रमुख सचिव रेणुका कुमार से मामले की रिपोर्ट मांगी है।

रात में लड़कियों को कहीं भेजा जाता था : पुलिस के मुताबिक, बालिका गृह से भागकर आई लड़की ने बताया कि बड़ी लड़कियों को बड़ी मैम रात को कहीं भेजती थीं। उन्हें लेने के लिए कभी लाल तो कभी काली गाड़ी आती थी। जब ये लड़कियां सुबह आती थीं तो सिर्फ रोती थीं। कुछ भी पूछने पर बताती नहीं थीं। बालिका गृह में लड़कियों से झाड़ू पोछा भी करवाया जाता था।

मान्यता रद्द थी : देवरिया के डीपीओ प्रभात कुमार का कहना है कि इस संस्था में अनियमितता पाई गई थी। उसके आधार पर इसकी मान्यता रद्द हो चुकी थी। उत्तर प्रदेश की महिला और बाल कल्याण मंत्री रीता बहुगुणा जोशी ने बताया कि पिछले साल सीबीआई निरीक्षण के दौरान ये तथ्य सामने आए थे कि देवरिया स्थित यह शेल्टर होम अवैध तरीके से चल रहा है। इसके बाद सरकार की ओर से यहां रहने वाली लड़कियों को दूसरी जगह शिफ्ट करने और इस बालिका गृह को बंद करने के आदेश दिए गए थे, लेकिन आदेश का पालन नहीं किया गया।


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DESK HP NEWS

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